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बुधवार, 5 अगस्त 2020

कुछ अनकही पंक्तियां



करीले जवनिया अलग ए हमार
माई हम लइके  रहती,
जइती न केहु के द्वार
.....माई हम लइके रहती.....


हर वक्त अपनी अदाओं से लुभाते रहना
मैं इजहार ए- इश्क करूं
....  और तुम शर्माते रहना....


यह इश्क की 
सीढ़ियां बड़े उल जुलुल होते हैं,
चाहत किसी और की
....कोई और कबूल होते हैं ,......



तत्काल कार्रवाई की जाए
 इश्क मे ना कोई पड़े
ऐसा कोई
 .   दवा दी जाए😋...



ना हाथ थाम सके हमें
ना पकड़ सके दामन
इतने करीब से गुजरी फिर भी
...ना जान सके हम..



इतने बुरे नहीं  हैं हम 
जितने लोगों को कहना है
बस किस्मत खराब है जनाब,
..इसलिए मुह पे पहरा है...



हम उन्हें चाहे और 
वह 
वो मेरे हो जाए,
इतनी वफा तो
..कोरोना ही हो सकती....






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