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सोमवार, 24 फ़रवरी 2020

ख्वाहिश

अपनी आंखों में समा लो मुझको
रिश्ता ए- दर्द समझकर ही निभा लो मुझको

चूम लेती हूं तुम्हारी तस्वीर को
 तुम भी अपना बना लो मुझको

मैं हूं महबूब सिर्फ उनका
   मुझे हैरत है
कैसे पहचान लिया तुमने मुझको

मेरी तस्वीर को शीशे के जैसे निहारो मुझको
   तुमने बरता है बहुत
अब तो संभालो मुझको

गए जून की तरह लौट के आ जाऊंगी
  तुमसे मैं रूठ गई हूं
तो मना लो मुझको

तुम अपने चेहरे को जिस शीशे में निहारते हो
वही आइना हूं मैं
टूट जाऊंगी
ना इस तरह उछालो मुझको


शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

रिश्ते प्यार की

जैसे आंंगन से होता है घर की रिश्ता
वैसे ही होगी हमारा बराबर का रिश्ता
 
जैसे सारे जीव अधूरे बीना पानी के
जैसे कान्हा  अधुरे  बिना राधा-रानी के

वैसे बिना तेरे अधूरी मेरे कहानी                                    हमारे प्यार कि बनेगी नई कहानी
जैसे बनी राधा -रानी की प्रेम कहानी

हमेशा रहंगे सनम साथ तेरे
सनम हम ले रहे हैं साथ फेरे

हरेक फेरा है एक जनम का वादा
प्यार करेंगे तुझसे सनम पहले से ज्यादा

इतनी खुशी हैं की आज पलकें भी नम है
ना मैं तुझ से ज्यादा ना तुम मुझसे कम है
तु और मैं आज र्सिफ हम हैं




शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

आज वीरो की याद आई हैं।

14फरवरी शहीद वीरो की सटेटस आज सभी ने लगाई हैं।                    यह रीति मैंने भी निभाई है,                                                                       
इन हतयारो को ,     ईन कुकर्मों के लिए किसी ने तो बुलाया हैं
हम सब कि जानो के लिए,    उन्होंने अपने जान गवाया हैं।।


विरो कि यादो मे आज  सटेटस सभी ने लगाया है.
हम मे से किसी भेड़िये ने यह आंतक  मचाया हैं।।

माँँ  ने विरो की यादो मे ममता की आंचल फैलाई है
आज फिर अपने कलेजो की टुकड़े को।
सरहद पर चलाई है।।

उन दिनों 
को याद किया तो मेरे आँखें भर आई हैं,
आज ही की दिन विरो ने अपनी जान गवाई है
आज ही की दिन विरो ने तिरंगे मे लिपटे आऐ थे।।

ऐ नफरत की आलम आज सीने मे जल आई है,
शहिद विरो की सटेटस सभी ने आज लगाई हैं।
यह रीति मैंने भी अपनाई हैं।।






Lakir

  क्या लिखा है? हाथों के लकीरों में। कभी गहरा तो कभी फिका उकेरी है इन हथेलियों में में! कुछ किस्से कुछ सबूत छुपी है लकीरों में। रंग उत...