यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 3 दिसंबर 2019

मोह माया (पैसा)

 माया हूं मैं माया हूं    ।                                                                  जग में पूरी छाया हूं।।

जाने कब जाने कहा।                                                                कितने को नचाया हूं।।

दुनिया का माया हूं।
       सब में समाया हूं।।

 शांति और सुख का गला दबाया  हूं                               छोटी-छोटी सत्ता को लेकर आपस में लड़वाया  हूं।।

माया हु मैं माया हु।
         सबको बुरी तरह नचाया हूं।।

बेटी

 प्यारे प्रधानमंत्री जी और नेतागण
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।

बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ यह नारा वोट देने से पहले आप लोगों ने बनाओ

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ  से ,पहले कोई ढंग का बेटी बचाने के लिए कोई कानून तो बनाओ।।

अब तो इस से अच्छा है कि माताओं।
तुम अपनी कोख में ही बेटी को  मार डालो या जलाओ,

 आज यह संदेश पूरे जग में फैलाओ  ।                         क्योंकि बेटी को पढ़ाना या बच्चा ना हो तो             
बेटी बचाने के लिए कोई कानून तो बनाओ।।

  कितना भी दुष्ट पापी रावण था फिर भी सीता को हाथ  लगाया था।।                                                             बेटी को कोई लक्ष्मी का रूप कहे तो कोई कहे दुर्गा काली
फिर क्यों ऐसे कुकर्म पर उतर पड़े हैं दुनिया की ऐ जालिम।।


Lakir

  क्या लिखा है? हाथों के लकीरों में। कभी गहरा तो कभी फिका उकेरी है इन हथेलियों में में! कुछ किस्से कुछ सबूत छुपी है लकीरों में। रंग उत...