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गुरुवार, 23 जुलाई 2020

Jat n'a kro bat ki

ठाकुर राम सिंह हाथ मुंह धोकर खाना पर बैठे थे कि, लखन बुलाने आया!
ठाकुर साहब और ठाकुर साहब हारते हुए दरवाजे के बाहर आवाज लगाता है, (तभी रवि ठाकुर राम सिंह की मंझिला बेटा) क्या हुआ लखन भैया काहे इतना हाफ रहे हो?
अरे क्या बताएं रवि बाबू गांव में आफताब और शंकर के बीच झगड़ा हो गया हैं इसलिए मालिक को आवाज लगा रहे हैं ,
ठाकुर ठाकुर साहब है क्या?
रवि-आप बाहर रुकिए अभी बावजी को बुलाता हूं!
लखन- बहुत मेहरवानी होगी,
रवि- बाबुजी खाना हो जाए तो बाहर लाखन आपका इंतजार कर रहा है,
ठाकुर - झिक हैं आता हुं,
(कुछ मिनट बाद राम सिंह लाखन के साथ उस स्थान पर पहुंचता है जहां शंकर और आफताब का विवाद शुरू हुआ था)
आफताब शर्म आनी चाहिए तुमसे यह उम्मीद नहीं था तुम दोनों अलग धर्म जाति के होते हुए भी राम लक्ष्मण की तरह रहते थे,सारे गांव में दोस्ती की मिसाल दी जाती है, और तुम दोनो ऐसा करोगे तो
यहां धर्म जाति के नाम पर कभी भी झगड़ा विवाद नहीं हुआ दिवाली सारे लोग जितना प्यार से मनाते हैं ,वैसे ही ईद वभी उतना ही सम्मान व खुशहाली पूर्वक मिलकर मनाते हैं
ठाकुर गुस्से से बोलते हुए!
शंकर - माफ करे ठाकुर साहब लेकिन हम क्या बताएं ससुरा इसकी नियत में खोट हो तो काहे की भाई गिरी और काहे की दोस्ती!
ठाकुर- बात क्या है स्पष्ट बताओ?
उससे क्या पूछत हैं मैं बताता हूं आफताब बोला
बात यह है मालिक ! एक जमीन का टुकड़ा मेरे नाम निकला है और यह बात जानने के बाद इसे पच नहीं रहा है और लगा विद्रोह करने मुझसे!
ठाकुर - मुझे कुछ भी नहीं पता बस तुम दोनों को गले मिलते देखना चाहता हूं (बहुत समझाने के बाद दोनों आखिरकार मान गए) गले मिले तभी गांव वाले ने तालियां एक साथ बजाना शुरू किया!सबके चेहरे पर मुस्कान था,तभी हरिया राम  सिह का नौकर दौड़ते हुए आया !बधाई हो मालिक बधाई हो आपका बेटा हुआ है!
ढाकुर यह बात सुनकर प्रफुल्लित हुआ और कहा देखो आफताब तुम दोनों ने दोस्ती की मेरे घर में खुशी का समाचार आया!राम सिंह वहां से अपने घर की तरफ बढ़ा!
घर आने के बाद अपने ठकुराइन रामा को खुशी से सर चुम्मते हुए कहा ! ठकुराइन आज हमारे दामन में भगवान के कृपा से सारी खुशियां मिल गया है! कुल्फी कैसे बच्चे को गोद में उठाया अरे बच्चे को चूमने लगा खुशी से ,ठाकुर अपने पत्नी की ओर देखते हुए किशन नाम कैसा रहेगा? (ठाकुर अपने पत्नी से पूछा)  तभी मुनीम बोल पड़ा बहुत ही बढ़िया नाम है मालिक!
ढाकुर- मुनीम जी जाओ सारे गांव में मिठाइयां बटबाओ
मुनीम - अरे यह भी कोई कहने की बात है, मालिक अभी जाकर बटबाते  हैं!

६ महीना बाद
शाम का समय था रमा  बच्चे को गोद में लेकर उसे पुचकार रही थी तभी अचानक से हार्ड अटैक कारण ठाकुर की पत्नी की मौत हो जाती है!
पूरे घर में मायूसी छा जाती है, हवेली के साथ-साथ गांव में भी दुखी  की अकाल उमड पड़ती है!
ऐसे ही 2 महीने गुजर जाते हैं! तभी गांव में पचायत बुलाया
जाता हैं , ढाकुर के साथ तीन बेटे भी मौजूद होते हैं!
सरपंच - ठाकुर साहब आपकी पंचायत आपकी वजह से बुलाई गई है!
ठाकुर - मेरे कारण कोई अनावश्यक अपराध तो नहीं हो गया?
सरपंच -सरपंच - अरे नहीं ठाकुर आप तो एक चिटी तक नहीं मार सकते वह भी अपराध तो दूर की बात है,
ठाकुर - असल में बात क्या है?
सरपंच - सारे गांव वाले के कहने पर यह पंचायत बुलाई गई है!
आप अकेला हो गए हो आपके बच्चे छोटे-छोटे हैं
बिना औरत के घर भूत का बसेरा होता है,हम सब की बात माने तो ब्याह कर लो
ठाकुर - मैं इस उम्र में भला प्यार कैसे करूं?
हरी - (गांव के वासी) काहे नहीं ठाकुर साहब अभी उम्र ही क्या है
ठाकुर - आप सब का बहुत आभार परंतु मैं बयाह नहीं कर सकता ! मैं अपना बेटा सुंदर कि बयांह करना चाहता हूं,







गुरुवार, 16 जुलाई 2020

जात पंडित की

कई वर्षों से न जाने कितना कुछ पढ़ी थी!
लेकिन उसमें ज्यादातर राजा रानी के किस्से थे,पढ़ने में वह बहुत अच्छे लगते थे,मगर लिखना मैं कुछ और चाहती थी!
उस तरह के किस्से फिर से लिखकर क्या होगा ठीक है उनसे दिल बहला होता है! मगर हम आखिर कब तक इसी तरह के दिल बहलाव कहानियां पढेंगे और लिखेंगे!इस तरह तो इतिहास के पन्नों से नाम ही मिट जाएंगे!
जरा अपने समाज के हालत भी तो देखो कैसे मुर्दों की नींद सो रहा है!
ऐसे सामाजिक को दिल बहलाने की जरूरत है या झकझोर कर उन्हें जगाने की?
न जाने कब से सो  रहे हैं इसी तरह!
हमारे हिंदू समाज में आदमी को आदमी नही समझा जाता !एक आदमी के छु जाने से दूसरे आदमी की जात चली जाती है,,
कहने को तो हम 21वीं सदी में जी रहे हैं,लेकिन सोच वही ,कहने और देखने को तो बहुत कुछ परिवर्तन हुआ यहां पर औरतों को घर से बाहर निकलने पर काम करना, ,
पुरुष और महिलाओं में कोई भेदभाव नहीं!

जातपात के प्रति भेदभाव करना बिलकुल भी सही नहीं है .पर आप सोचिये जो लोग जातपात का फायदा उठा रहे है क्या वो चाहते है की जातपात ख़त्म हो जाए ? जातपात के प्रति भेदभाव अब सरकार बड़ा रही है और जो इसका फायदा उठा रहे है बो इसको ख़त्म नहीं करना चाहते है .जातपात ख़त्म यानी आरक्षण ख़त्म . कौन सी आरक्षित वर्ग की जाती चाहती है आप सोचिये और जबाब दीजिये .जातपात के प्रति भेदभाव -आप ट्रेन बस में सफ़र करते है तो आप सहयात्री से जाती पूछकर उसके बगल में बैठते है ? आप ड्रायवर और अन्य स्टाफ से जाती पूछते है ? आप सब्जी खरीदते समय ,किरण खरीदते समय , बफे में भोजन करते समय बेटर की जाती का ध्यान रखते है ?जब उनके हाथ का खा रहे है .उनके बरावरी में बैठ रहे है उन्हे सम्मानजनक तरीके से बात कर रहे है तो भेदभाव कैसा है?



मेरा मानना हे की यह जातीपहले कर्मो के आधार पर बाटी गयी थी जो जैसा कर्म करता हे उसकीजातीवही होतीथी . तो उस समय जो छुआछूत थी वह कर्म पर आधारित थी क्षुद्रों का काम था गंदगी का सफाई करना तो लोग उनसे दूर रहते थे पर अभी सब बदल चूका हे . एक क्षुद्र जाती का व्यक्ति गायत्री समाज या आर्य समाज के अनुसार अपने आपको परिवर्तित कर लेता हे और एक ब्राम्हिन शराबऔर मांस का सेवन करता हे भगवन से दूर हे तो उस क्षुद्र के साथ रहना बेहतर होगा न की ब्राहण के . ऐसा मेरामानना हे ,हो सकता हे आपअसहमत हो .!
यह सब इन्हीं बड़े-बड़े तिलकधारी और ब्राह्मणों की, पुजारियों महंत मठाधीशो की कारस्तानी है!
कहने को चतुर्वेदी है त्रिवेदी है,यह है वह है लेकिन है निरे लिख लोड़ा पढ़ पत्थर, एक वेद की भी शक्ल देखी हो या याद हो,

इनका काम ही है फ्री का हलवा पूरी उड़ाऐ जाओ और चैन की बंसी बजाए जाओ!
बहुत समय पहले की बात है।जब मैं  9 साल की थी, गर्मियों की छुट्टी में मैं अपनी नानी की घर गई थी,
उसी गांव में
सोहन चाचा रहते थे,पूरे गांव में पंडित के नाम से विख्यात थे!

एक डोम रहता था। गांव के बाकी सभी किसान और पंडित थे। डोम बटबा बना करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था।
माग़र गांव वाले उसके साथ बड़ा ही बुरा व्यहवार करते थे।
कोई भी उस के घर नही जाता। ना ही कोई उसे शादी याँ कोई तुहार में शामिल भी नही करता। सभी उसे छोटी जाती का मानते थे।
सभी उस से दूर दूर रहते थे।
उसका घर गांव के बीच मे था।
उस व्यक्ति का नाम बांस वली था!
 देखने में बहुत ही सुंदर उच्चा कर दे गोरा रंग, न जाने क्यों लोग उसे देखकर दूर भाग देते थे  उसे दुत्कारते थे!
कहने को मैं भी पंडित हूं लेकिन मैं जात पात में विश्वास नहीं रखती!
मेरे देश में लोग नाम से पहले जात पूछते है। 💔
एक दिन सोहन चाचा के घर पर बासबली आया कुछ मांगने को,अरे मालीक कहां हो पैसा दीजिएगा!
बहुत भूख लगी है अगर पैसा नहीं तो कुछ खाना ही दे दीजिए!
उस समय सोहन चाचा घर पर नहीं थी उनकी छोटी बहू कुछ काम कर रही थी,
तभी सोहन चाचा की पत्नी,
चिलाते हुऐ बोली !घर मे मत घुसना
तभी चाची की नजर मुझ पर पड़ती है और कहती अच्छा बिटिया जरा बांस वाली को खाना देते आना  मैं जाती हूं बास बलि के हाथों में चुपचाप
खाना की थाली  रख देती हूं!
 बाहसबली को देखकर ऐसा लगता है कि बेचारा भूख के मारे तड़प रहा है कब से आंखें लगाए इंतजार में राह जोह रहा था !
कुछ झण के बाद चाची आती है  मैं समझ पाती कि उसे पहले वह चिलाउट अरे बिटिया तूने क्या कर दिया ,उसको खाना इसके बरतन में देनी थी ना कि अपने बर्तन में तूने बर्तन खराब करती हाय मेरी मेरे धर्म भ्रष्ट हो गए!
मैं कुछ बोल हीं पाते कि उससे पहले उन्होंने मेरे हाथ की खींचते हुए नानी के पास लेकर आ गई, क्या बताएं छाया की नानी  नहलाओ पहले इनको
पहले तो नानी समझ नहीं पाए लेकिन जो पूरी वाक्य  पता चला नानी मुझ पर ही बिगड़ पड़ी! 
चिल्लाते हुए बोली जाकर पहले नहा नहीं तो घर में घुसने नहीं दूंगी !
मजबूर नहीं चाहते हुए भी मुझे नहाना पड़ा !  




गुरुवार, 9 जुलाई 2020

एक कविता अपने मां के नाम


एक कविता अपने मां के नाम

परेशान हो चाहे जितना भी!
हमारे लिए मुस्कुराती है वो!

हमारी खुशियों की खातिर!
दुखों को भी गले लगाती है वो!!

हम सभी ने कभी ना कभी
रिश्तो में मिलावट देखी
पक्की ना होकर कच्चे
रंगों की सजावट देखी

गौर से देखा है मां को
उसके चेहरे पर कभी न थकावट देखी

सुलाने के लिए मुझको,
उसे खुद को जगाते हुए देखी,
बड़ी छोटी रकम से घर चलाते देखी

कमी थी बड़ी,

पर खुशियाँ जुटाते देखी
मै खुशहाली में भी रिश्तो में दुरी,
कइ बार बनते देखी,
पर उसे
गरीबी में भी हर रिश्ता निभाते देखी,



गुरुवार, 2 जुलाई 2020

Unknown number

छाया अपने बिस्तर पर करबटे  ही बदल रही थी, तभी किसी का कॉल आया वह बिना देखे बिस्तर पर ही पैर हाथ मारने लगी जब 2 मिनट  बाद  भी नहीं मिली फोन,मजबूरन नहीं चाहते हुए उसे उठना पड़ा और दराज पर रखे फोन को बिना उठाए सो गई,
छाया- ओफ  हो इतनी सुबह सुबह कौन मरा जा रहा है,,
जैसे फोन उठाती है,तभी फोन चार्ज नहीं होने के कारण स्विच ऑफ हो जाती है,

तभी दरवाजे पर उसकी बड़ी बहन रश्मि ओ मैडम उठ भी जाओ,आज कॉलेज नहीं जाना क्या?
छा -हां हां उठ रही हूं
तभी उसकी नजर घड़ी पर पड़ी और  वह बोली  ओ नो आज मेरी 9:30 में लेक्चर है इंपॉर्टेंट, अब क्या होगा,
छाया अपने बहन को बोलते हुए पहले नहीं उठा सकती थी आप,
दरवाजे के पीछे से आवाज आई तुम्हारी अम्मा नहीं हूं जो पीछे पीछे भागु, अभी उठा दिया कम नहीं है और ज्यादा ड्रामा करोगी तो लेक्चर क्या सारी क्लास छोड़ो गी अब जल्दी से उठ जा,
छा -अरे हां थैंक्स दी, तुम ना होती तो मेरी क्या होती, बस- बस कर मेरी अम्मा जाना नहीं है जल्दी से Ready हो छोड़ कर आती हूं,
मोहन अंकल की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए मुझे आज ऑफिस भी जाना है तुम्हें भी छोड़ना होगा
छाया - ओके बस 5 मिनट ,
और वो तैयार होने चली जाती है आखिरकार आज २० मिनट  लेट ही सही कॉलेज पहुंच गई "जैसे ही क्लास रूम में इंटर की,क्लास स्टार्ट हो चुकी थी,छाया मन ही मन बोली अब क्या होगा,
छाया -  क्या मैं अंदर आ सकती हूं?
प्रोफ़ेसर - please come,
जैसे ही छाया अपने डेकस पर  बैठने जाती है,
 प्रोफेसर - इधर आए आप,एक बात को सही सही जवाब दे अब किस लिए आते हैं यहां पर?
छाया - पढ़ने के लिए,
प्रोफ़ेसर  -  कितनी हैरत की बात है,अभी आपका सबसे इंपोर्टेंट काम है पढ़ना उसके लिए भी आपके पास टाइम नहीं है उसमें भी लेट होना है, सुन लो आप सभी  मेरे क्लास में आईनदा  कोई लेट ना हो,
छाया बस प्रोफ़ेसर को देखती जा रही थी देखती जा रही थी, प्रोफ़ेसर ने उसे इतना कुछ सुना दिया ,उसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ा बस उन बातों को अनदेखा करके बस सिर्फ प्रोफेसर को देखती जा रही थी,
कुछ घंटे बाद क्लास खत्म हुई,छाया अपने दोस्तों के साथ कैंटीन में पहुंचती है ,
रोहन जोर से हंसते हुए हा हा हा क्या बैंड बजी है तेरी छाया आज क्लास में,
पूजा क्या हुआ?
रोहन- तुझे नहीं पता ? नहीं मैं आज क्लास में नहीं थी , असल में लेट आने के कारण मैं क्लास में नहीं गई थी,सुना है प्रोफेसर बहुत ही स्मार्ट है लेकिन उसके साथ-साथ अकडु भि हैं,
छाया बीच में बोलते हुए कुछ भी नहीं हुआ बस राहुल को कोई मिल जाना चाहिए मजाक उड़ाने के लिए ऐसा भी कुछ भी नहीं हुआ,तभी प्रिया आती है, hi everyone Whatsup?
chhaya -सब बढ़िया तुम बताओ कैसी हो?,
मत पूछ मेरी जान आज ना मेरे दिल दिमाग कुछ भी काम नहीं कर रही है मैं पागल हो गई हो एकदम से पागल,

पूजा - क्या हुआ तुम्हें ऐसे क्यों बोल रही हो सब ठीक है?,
अरे तुम्हें तो पता है ना, कॉलेज में न्यू प्रोफेसर आया है " हाय कितना हैंडसम है कितना स्मार्ट है मन करता बस देखती रही हूं ,तभी बीच में राहुल बोलते हुए क्यों मैडम,मनु से ब्रेकअप हो गया क्या हा हा हा,
सारे दोस्त एक साथ हस पडते हैं ,
प्रिया बोलती हुई व्हाट रबिश, राहुल कुछ भी बोलते हो, वह मेरा बॉयफ्रेंड नहीं है" वह मेरे पीछे आगे घूमता रहता है मैं नहीं मैं उससे बात भी नहीं करना चाहती,
तभी न्यू प्रोफेसर कॉफी लेने कैंटीन में आता है,प्रोफ़ेसर को देखकर रिया चिल्ला उठती है,
OMG,you can see chhaya ,कैंटीन में बैठे सारे लोग प्रिया की तरफ देखने लगते हैं" प्रिया सॉरी गाइज
छाया- तुम पागल तो नहीं हो प्रिया ऐसे कौन करता है भला,
राहुल बीच में बोलते हुए बोलने दो बोलने दो छाया !


इसकी केमेस्ट्री तो वैसे भी ठीक नहीं है क्या पता इस प्रोफ़ेसर के साथ केमिस्ट्री सही हो जाए,
राहुल छाया को बींक करते हुए,
प्रिया - यह तो और अच्छी बात है मेरी केमिस्ट्री तो बहुत ही बकवास है क्या पता इस प्रोफेसर के साथ मेरी केमिस्ट्री और अच्छी हो जाए,
छाया को देखकर प्रोफेसर स्माइल पास करते हुए चला जाता है,छाया मन ही मन खुशी से झूम उठती है,

क्लास के बाद वह घर आई ,शाम को जब उसकी बहन  घर आई तो देख कर हैरान हो गई ,क्या है यह सब तुम ठीक तो हो ना?
हां मेरी अम्मा मैं ठीक हूं आप बताओ कैसा रहा आपका दिन?
मत पूछो बहुत ही बिजी शेड्यूल है,हर दिन एंप्लॉय को किसी न किसी को छुट्टी चाहिए,परेशान हो रखी हूं,
छा- वह सब तो ठीक है लेकिन आप अपने को भी तो ध्यान दें खुद को ख्याल रखें समय पर खाना खाना तो खा लिया करें,और एक बात बताएं आप तो बाँस हैं तो आप के जितने सारे एंप्लॉय हैं ,आप से डरते हैं लेकिन  पीठ पीछे बातें तो करते होंगे ना?
इसमें कौन सी बडी बात हैं,जरूर करते होंगे,

रश्मि -सब खैरियत तो है तुम्हारा फोन कहां है इतनी बार कॉल कर चुकी हूं,जब तुम फोन नहीं उठाई तो घर में कॉल किया ,बिना आंटी उठाई बोली कि आज तो मेरी तबीयत ठीक नहीं लग रहा है उन्हें देखकर ,बिना आंटी बता रही थी कि तुम आज डिनर बनाई हो,
हां सोचा की सर प्राइस दूं ,आपको और ऐसा कुछ भी नहीं आप भी फालतू कुछ भी ना सोचे कितना दिन आपको परेशान करूं ,सोचा मैं बड़ी हो गई तो थोड़ी मैं अपनी दीदी को मदद करो,

अच्छा छोड़ो वह सब चलो डिनर करते हैं आइसक्रीम लाई हूं साथ में खाएंगे,अरे वाह थैंक्स जी दोनों खाना खाए और अपने अपने रूम में गुड नाइट बोलकर सोने चले गए,

छाया करवटें बदलती रही पर उसे नींद नहीं आई,तभी Unknown number से मिस कॉल आ चुकी थी कई दफा उसके फोन में'
वह कुछ सोच पाती तभी एक और मैसेज आया,
हाय,कैसे हैं आप ? डिनर हुआ ? ओके गुड नाइट.
छाया को लगा कोई प्रैंक कर रहा है उसके साथ, कॉल और मैसेज को इग्नोर की व सो गई,
आंखें खुली तो 8:00 बज चुके थे, फटाफट उठ कर नहा धोकर ब्रेकफास्ट बनाए और कॉलेज जाने के लिए तैयार होने लगी! तभी रश्मि आई ,
डार्लिंग गुड मॉर्निंग उठ भी जाओ जब रश्मि ने दरवाजा खोला तो चकित रह गई,क्या बात है आप तो प्रॉपर तैयार हो गई है.

जी छाया ने हा में जवाब देते हुए किचन की तरफ बढ़ गई,अरे वाह क्या हो गया तुम्हें? तुम ठीक तो हो ना ब्रेकफास्ट भी बनाई हो सुबह उठकर,
कुछ नहीं  दी बस आज जल्दी नींद खुल गई तो सोचा कि आपको सरप्राइज दु तो ब्रेकफास्ट बना दिया,
रश्मि- कोई नहीं ड्रेस चाहिए? ,पैसे चाहिए?.
छा- ऐसी कोई बात नहीं है जब चाहिए तो मांग लूंगी आपके लिए इतना भी नहीं कर सकती,
रश्मि- Well क्यों नहीं,ओके मुझे 10 मिनट दो मैं तैयार होकर आती हुँ ,ब्रेकफास्ट करके तुम्हें कॉलेज छोड़ती हूं,

जैसी छाया क्लास में इंटर करती है तो वहां पर कोई नहीं होता वह सोचकर घबरा जाती हैं क्या बात है आज क्लास में कोई नहीं है, तभी प्रोफेसर मानव का क्लास में आते हैं ,और छाया को देखकर , बोलते छाया तुम यहां क्या कर रही है आज तुम्हें पता नहीं क्लास नहीं है,
क्या बात हैं, डांट का इतना असर हुआ कि आज क्लास नहीं के बावजूद भी आज क्लास लेने आ गए,
Madame for kind your information,आज Class नहीं है,
छाया बस एकटक देखती जा रही थी प्रोफेसर को ,मानो शहर में बहुत दिन से कोलाहल हो और अचानक से शांति छाई हो तो वह शांति को खोना नहीं चाहती थी बस जी भर लुफ्त उठाना चाहती थी,तभी हेलो व्हाट हैपेंड आएम  टॉकिंग विथ यू.
छा- सॉरी सर बोलकर व निकल जाती है,
तभी अचानक रास्ते में गाड़ी खराब हो जाती है और उसको मजबूरन इंतजार करनी पडती है,
प्रोफ़ेसर मानव की गाड़ी को आते हुए देखकर वह खुशी से फूली नहीं समाती,
वह लिफ्ट लेने के लिए अपने हाथ दोनों आगे गाड़ी की तरफ हीलाती है,
गाड़ी खराब हो गया?
  हां पता नहीं क्यों ,आए बैठे मैं छोड़ दूं अगर आप ठीक समझे तो"  छाया थैंक्स बोलकर गाड़ी में बैठती है;
मोहन अंकल आप गाडी को ठीक करा कर प्लीज घर ले आए रखे पैसे ,और वहां से गाड़ी चली जाती है,मानव पूछते हुए छाया से तुम कहां रहती हो?
बसंत बिहार 10वीं ब्लॉक.ओके मैं भी वहां वहां पर ही रहता हूं,
छाया को विश्वास नहीं होती कि जिसके बारे में दीन रात सोचती है ,खोई हुई रहती है और तो और सारे कॉलेज की लड़कियां मरती है ;आज मैं उस प्रोफेसर के साथ उसके
कार में बैठी हूं,
प्रोफ़ेसर मानव-   क्या हुआ आप ठीक तो है?
सर मैं ठीक हूं
पूरे रास्ते प्रोफेसर मानव को छाया देखती है और छाया को प्रोफ़ेसर मानव देखते हैं ,
मानो बिना कहे दोनों एक दूसरे से बात करते चले आ रहे हो, कुछ मिनट बाद वह घर पहुंच जाती है,
 थैंक सर आए पानी जूस कॉफी पीकर जाए
 छाया को समझ नहीं आ रही थी वह क्या बोले क्या नहीं,
नो थैंक्स मुझे जाना होगा,
प्रोफेसर  छाया को बोलते हुए,
छाया टाइम से आना सीखो क्लास की और हां कल लैव में टेस्ट है सब का ,
एक बार मन हुआ मानव प्रोफ़ेसर को कस के गले लगा लु खुद को संभालते हुए, ओके टेक केयर बाय सी यू टुमारो
Bye sir,


करीबन 2:00 बजे छाया की आंखें खोली और उसने फोन चेक किया तो 56 मिस कॉल आए थे उसी नंबर से,फिर से वही टेक्स्ट आया था कैसे हैं आप ठीक तो है ना,छाया ने कॉल करना चाही
तभी कॉल आया उसका  ,छाया ने फोन कॉल रिसीव कर ली हेलो कौन ?
हे कैसे हैं आप ? सॉरी डिस्टर्ब किया,
छाया - तुम कौन हो और पागल तो नहीं हो  बेवजह कॉल किए जा रहे हो ना जान ना पहचान मैं तेरा मेहमान,
मैं नहीं जानती तुम्हें,
फोन से आवाज आए मैं तो जानता हूं ना अब थोड़ी साथ दे तो मैं और जान  सकूंगा और आप मुझे,

छाया चिल्लाते हुए पागल तो नहीं हो गए हो तुम,अगर फिर से परेशान किया ना तो अभी पुलिस को कॉल करूंगी,
ओके ओके नाराज मत हो आप आपको परेशान करने के लिए कॉल नहीं किया बस जानने थी कि मेरी अमानत कैसी है?

वाह क्या बात है ,मेरी अमानत ?
क्या बके जा रहे  हो छाया और गुस्से में बोली,तेरे घर में मां बहन नहीं है तुम्हें कोई आधी रात को ऐसे परेशान करे तो?

उधर से आवाज आया, मैं मैं तो जान ले लूं उसका  मगर आप करें तो पूरी रात क्या"  हर रात जागने के लिए तैयार हूं
छाया ने फोन स्विच ऑफ कर दी और सो गई ,अगले दिन कॉलेज में जब गई तो छाया का मन Lab में बिल्कुल नहीं लग रहा थाी,सभी प्रोफ़ेसर छाया ध्यान कहां है?

 आपना टेस्ट पर ध्यान दे ,

  • वें जी सर बोलकर ,फिर काम पर लग गई कहीं ना कहीं वह परेशान थी उस फोन कॉल से, सोचती रही आखिर है कौन जो मुझे बातें करने के लिए तड़पता है वह भी इतनी तहजीब के साथ बात करता है ,तभी कॉलेज के दोस्तों के मूवी देखने को प्लान हुआ अचानक से,

छाया मूवी देखने गई पर उसका मन नहीं लग रहा था तभी मानव प्रोफ़ेसर को साइड की सीट पर बैठे देख घबरा गयी उसे समझ नहीं आ रही थी कि कैसे रिएक्ट करें व खुशी से पागल हो रही थी अंदर अंदर,तभी उसकी दोस्त प्रिया को नजर पड़ी व प्रोफेसर के साइड के सीट पर आ गए ठीक है लो सर,
तो फिर भी हमें हाय में जवाब दे कर चुपचाप मूवी देखने लगा,
छाया को कहीं ना कहीं प्रोफ़ेसर के साथ में प्रिया को बैठे देख वह जल रही थी,
हॉल से बाहर निकलना चाहा कि पीछे से देखा किसी ने हाथ पकड़ लिया है उसने बोली छोड़ो मुझे जाने दो पीछे मुड़कर मुड़ कर देखे तो मानव था, क्यों जा रही हो मूवी अच्छी तो है सारे दोस्तों ने एक साथ बोले हां हां मूवी अच्छी तो है,प्रोफ़ेसर मानव में छाया को घर छोड़ा और अपने घर की ओर चल पड़े,,आज ही बिना एक दूसरे को बोले वे  काफी कुछ बोल चुके थे,
आज रात को छाया बेसब्री से उस कॉल को इंतजार कर रही थी!
 तभी टेक्स्ट आया Hey कैसे हो?
मेरी अमानत कैसी हैं आप आप तो बहुत जल्ती है जब मेरे तरफ कोई लड़की देखती है तो,
छाया- क्या बकवास है तुम्हें जब मैं जानती नहीं  तो क्यों जलु या मरू पागल ही होगी कोई लड़की जो तुम पर मरेगी ,

अजनबी- झूठ ना बोले और मरे मेरे दुश्मन और बताएं कैसे हैं?
छाया - listenसमझ नहीं आ रही है पर तुम से बात करें तो अच्छा सा लग रहा है,
अजनबी - हाय मुझे हॉस्पिटल जानी होगी अभी,

छाया - वह क्यु भला?.

अजनबी - आपने कहा ना अच्छा लगता है बात करते हुए मुझसे इसीलिए,

छाया - ज्यादा Coolबनने  की जरूरत नहीं है ,I have boyfriend,

अ- अच्छा जी अभी उठ भी बोलने लगी है पर आप झूठ बोलते अच्छी नहीं लगती!

छा - हा हा हा कुछ भी जब तुम मुझे देखा तक नही तो कैसे पता,
अ- जरुरी हैं  देखना बस आप मुझे महसूस करें खुद ब खुद देख लेंगे,
छा - देखो तुम जो भी हो मुझे पसंद नहीं हो और मेरे साथ टाइम पास ना करो और मुझे दिमाग ना खराब करो,  मेरा बॉयफ्रेंड है ओल्ड रेडी,
अ - कौन है वह खुशनसीब और आप क्यों बुरा मान रहे हैं मैं आपको बहुत चाहता हूं और तब तक चाहूंगा जब तक मेरी आमानत सही सलामत मेरे पास ना आ जाए और आप जिसे चाहते हैं मेरी दुआ है कि वह भी उतना ही चाहे,
मेरी एक शर्त है ,

छा - कैसी शत?
अ- अगर उसने इंकार कर दिया तो मेरे पास आना पड़ेगा, वैसे इनकार किया ना तो उसकी लाइफ की सबसे बड़ी भूल होगी!
छा - ऐसे कैसे तुम्हारे पास आ जाऊं कभी देखा नहीं कभी मिला ही नहीं!

अ  - मुझे इतना विश्वास करें कि जब आप मुझे देखेंगे तो देखते ही रह जाएंगे नहीं ना कर पाएंगे और खुद बोलेंगे मैडम अपनी अमानत को वापस ले जाओ!
छा - हा हा कुछ, भी सपने देखना कितना आसान होता है ना ,मतलब आप कुछ भी बोले और हम मान ले ऐसा भी होता है, चलो ठीक , एक पल के लिए मान भी ले ,ओके डन!

अ - बहुत मेहरबानी आपकी, ओके  बाय गुड नाइट टेक केयर!
और फोन रख कर छाया सुकून के साथ सो जाती है सुबह जब उठी तो 10:30 हो चुके थे रश्मि पहले ऑफिस निकल चुकी थी कांफ्रेंस के कारण! मीना आंटी बार-बार उठाने आई पर कोई फर्क ही नहीं,
ओह नो आपको तो पता है ना कितनी ज्यादा पागलों की तरह सोती हूं , कम से कम आप पानी डाल देते कुछ करते पर उठाते अब क्या होगा आज प्रोजेक्ट सबमिट करनी है!
 लास्ट डेट है प्रोजेक्ट सबमिट करने का कितना लेट हो गई है पता नहीं मानव सर क्या रिएक्शन होगा , मेरे ऊपर
! वह मेरे प्रोजेक्ट अब सबमिट करेंगे भी या नहीं
,छाया खुद-ब-खुद मन ही मन बड़बड़ाते हुए हुए कॉलेज के लिए झटपट भागी,और आधे घंटे के अंदर कॉलेज पहुंचे तो सारे लोग सबमिट कर चुके थे प्रोजेक्ट,


छाया बोली मैं आई कम इन सर?
मानव - आ -जाए अंदर!
मुरझाया ने प्रोजेक्ट दिखाने के लिए मानव के पास गई अचानक से पैर फिसलने के कारण मानव के ऊपर जा गिरी,
दोनों इतने करीब थे कि एक दूसरों के सांसों की आवाज सुन सकते थे! दुबई दूसरे को देखते रहे युही!
मानव और करीब आ चुका था,और देखते-देखते उसने किस किया छाया शर्माती हुई पीछे हट गई, तभी छाया बोलीआई लव यू मानव सर"
एकाएक अचानक से मदद चिल्ला उठा लेट प्रोजेक्ट सपोर्ट करती हो पता है ना अगर समझ प्रोजेक्ट नहीं करो तो एग्जाम नहीं दे पाओगी

छाया कुछ समझ नहीं पाई , सोचने लगी आखिर अचानक से क्या हो गया, अभी तक सब ठीक-ठाक था,छाया खुद मे उधेड़बुन करती हुइ ! एक अगर मुझसे प्यार नहीं करते तो मुझे किस क्यों किया?
मानव चिल्लाकर बोला छाया में तुमसे बात कर रही हो कहां हो तुम,

छाया अपने आंसू को पोछते हुए वहां से निकल पड़ी रोने  के कारण उसे बहुत सर में दर्द हो रही थी,

रश्मि- डार्लिंग आप ठीक हो बनावटी का मुस्कान मुह  पर लाकर  हां जी बहुत अच्छा हूं गुड नाइट बोलकर रश्मि जल्दी से सोने चली गई क्योंकि कल उसका कॉन्फ्रेंस मीटिंग था,चाबी अपने कमरे में सोने के लिए चली गई और उसे नींद नहीं आ रही थी,वह समझ नहीं पा रही थी, छाया आज बहुत दुखी थी क्योंकि प्रोफ़ेसर ने उसके आई लव यू का कोई जवाब नहीं दिया,सोना चाहे पर उसे नींद नहीं आ रही थी ,
तभी उसी नंबर से कॉल आया
छाया ने फोन रिसीव कर ली,
उधर से आवाज से हाय कैसे हैं आप?जैसे ही छाया बोलना चाहिए बीच में ही वह बोल पड़ा मुझे पता है आप आज अच्छे नहीं है,आप बहुत रोए हैं क्या,क्या हुआ किसकी हिम्मत थोड़ी मेरी अमानत को इतने रुलाने की!

छा- ऐसी बात नहीं है,
अ- फिर कैसी बात है प्लीज बताएं ना?
छा - जिसे भी चाहते हैं उसे आज परपोज  किया बट वो मुझे नहीं पसंद करता उसने कुछ बोला तक नहीं,
अ- बोला था ना उस गधे की लाइफ की सबसे बड़ी भूल होगी आप को ठुकरा कर!
ओके ज्यादा ना सोचे और आराम करें अगर आपका मन हो तो बात कर सकते हैं!
छा-  ओके बाय गुड नाइट अच्छा लगा आपसे बात करके
ऐसे ही 8 महीने गुजर गया और छाया की बातें धीरे-धीरे रिश्ते में बदल गई!
ऐसा कोई दिन नहीं होती है जब प्यार की बातें नहीं होती ,छाया धीरे-धीरे और करीब होती गई,

अ- अगर आपका इजाजत हो तो कल मिले?
छा - कल?
अ- अगर आपको हम उम्र ऐसे ही बिना देखे बिना मिले बात करनी तो मुझसे कोई तकलीफ नहीं है बात कर सकते हैं!
छा- ओके डन सी यू टुमारो
अ- ठीक शाम 7:00 बजे मरीना होटल में डिनर करने चलेंगे,बाय गुड नाइट टेक केयर,
छा- ऐसे कैसे गुड नाईट मैंने तो अभी तक आपको देखा भी नहीं ना आपने मुझे देखा है, और मैंने आज तक कभी भी अपने दी  को बिना बताए कुछ काम नहीं किया , हम दोनों आपस में सारी बातें शेयर करती है,
अ- ठीक है फिर आप अपने दि के साथ आ जाए अगर नहीं मर्जी है तो मैं आपके घर आ जाउ अगर उससे भी तकलीफ हो तो ,जैसे आप चाहे वैसे करें!
पहली बार छाया आज पूरी रात सो नहीं पाई हैं
ऐसा लग रहा था कि  कब  रात खत्म हो और सुबह हो!

छा- दी आज शाम के डिनर करने चले अगर आप फ्री हो तो?
रश्मि- चलती डार्लिंग मगर फ्री होती तो आज नहीं जा पाऊंगी!
आज चाह कर भी आप नहीं कर सकते बहुत सारा मीटिंग है
तुम अपने दोस्तों के साथ चले जाओ!

छा - नहीं मगर आप नहीं जाएंगे तो फिर कैसे जाऊं, कोई नहीं कभी और चलेंगे पर इस बार छोड़ दिया नेक्स्ट टाइम नहीं!
रश्मि - हां मेरी मां चलूंगी पक्का और छाया को कॉलेज छोड़कर ऑफिस जाती है!

छाया जैसे कैंटीन की तरफ मूर्ति है तो उसकी नजर मानव प्रोफ़ेसर पर पड़ती हैं को देख कर हैरान होते और सोचते क्या बात है आज तो कॉलेज में ना कोई प्रोग्राम है ना कोई कुछ है फिर किस खुशी में इतना सजा धजा जा रहा है,
तभी प्रोफेसर सामने से आते हुए हाए छाया कैसी हैं आप?
छाया- ठीक हूं सर ,आप बताएं आप कैसे हैं?
मानव  - आई एम आल्सो गुड ,बहुत खूबसूरत लग रही हैं आप!
छाया बिना आंसर दिए हुए वह चुपचाप चली जाती है,
सबमरीन होटल पहुंच चुकी थी पर वहां कोई नहीं था और होगा भी तो कैसे पहचान पाएगी जो कभी देखा नहीं कभी मिला नहीं उस नंबर पर कॉल किया!
अ- माफी चाहती हूं जान आने में देर होगी सिर्फ 10 मिनट और इंतजार कर ले इस नाचीज के खातिर ट्रैफिक में फंसा पड़ा हूं,
छा - इट्स ओके बाय!
5 मिनट  बाद देखती है तो हैरान हो जाती हैं  मानव यहां?  मन में सोचते शायद अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने आए होंगे !बहुत उत्सुकता के साथ " देखो तो भला इनकी गर्लफ्रेंड है कैसे तभी मानव छाया की टेबल की तरफ बढ़ते हुए तुम यहां?
नाइस टो मीट यू
छाया फिर भी कुछ नहीं बोलती,
मानव -टेबल नंबर 9 है ना?
छा- यस
मानव- पर यह टेबल मैंने वह किया है मैं और अपनी गर्लफ्रेंड के लिए,
छा- सॉरी सर आपको कोई गलतफहमी हुई है यह टेबल मेरी हैं ,मेरा बॉयफ्रेंड ने मेरे लिए बुक किया है वह बस 5 मिनट में आने वाला हैं,
  तभी छाया कॉल करती हैं कहां हैं आप कितने मिनट में आएंगे अभी तक ट्रैफिक खत्म नहीं हुई क्या?
बस 2 मिनट में आया प्लीज  वेट करें !
छाया मानव को कुछ बोलना चाहती है तब देखते वहां पर मानव है ही नहीं और 2 मिनट बाद मैनेजर को लेकर मानव आता है!
छाया - मैनेजर आप मुझे यह बताएं कि टेबल किस नाम से बुक है?
मैनेजर - लेट मी चेक प्लीज,मैं यहां मानव और छाया का नाम से यह टेबल बुक है,
छा - क्या ऐसे कैसे मुमकिन है, और छाया फॉरेन टेबल के पास जाकर फोन लगाती है कहां है आप?
 देखे नहीं आना तो बता दो मुझे,
 यूं परेशान ना करो गलती किया जो तुम पर भरोसा करके यहां चली आई!
मानव - नहीं आप कभी भी गलती नहीं कर सकते और बोला था ना कि 1 दिन मेैं आप को  ले जाऊंगा ,मैं तो कब से आया हूं पर शायद आप पहचान नहीं पा रही है"
छाया पीछे जब मूर्ति है तो मानव घुटनों के बल बैठकर प्रपोज करता है उसको will you marry me?

छाया को कुछ भी समझ में नहीं आती और भी उलझती  जाती है, तभी मानव कहता  है आप परेशान ना हो आप जिसका इंतजार में है,  वह मैं ही हूं विश्वास नहीं हो रहा तो कॉल करें!
छाया उसी नंबर पर  कॉल करती है और मानव की फोन की घंटी बजते दे वह सन्न रह जाती है!यह देख कर गुस्सा खुशी रोना सब एक साथ छलक पड़ती है उसके चेहरे पर, समझ नहीं पाती कि मानव  पर गुस्सा करेगा या खुशी से उसे गले लगाए तभी मानव उसके हाथों को धीरे से
अपने पास लाकर अंगूठी पहनाता है और धीरे से हाथों को चुमता हैं!

मैं अभी भी सदमे में है वो समझ नहीं पाती कि उसके साथ इतने दिन से जो हो रहा था वह क्या-क्या था और क्यों था,छाया रोनदु जैसी शक्ल बना कर आई हेट यू मिस्टर पागल,बहुत रुलाया है अब मेरी बारी है सारी आंसुओं का बदला लूंगी,

मानव- जनाब आप की खिदमत में हाजिर है जो मर्जी वह हाल करें,
हर दोनों एक साथ हंस पड़ते हैं
छाया को भी विश्वास नहीं होता ,तुझसे इतना दिन बात किए बिना देखे बिना जाने का और कोई नहीं मानव  हैंजिससे बेइंतहा मोहब्बत करती थी,

माया




बुधवार, 1 जुलाई 2020

मैं हवा की तरह क्या आई,,,,,,,

की ,
तुम आंधी की तरह उड़ गए,,,,

ऐसी भी क्या खता हुई साहब,,,,,,

कि ,

आपके रास्ते हि मुड़ गए.....

Puchh

अगर सब कुछ कह दूं ,
तो क्या तुम सह पाओगे,,,,,,,
   
          अगर नहीं कह पाई कुछ ,
        तो क्या  बीन कहे  तुम समझपाओगे,,,,,,,,






परेशान


खुशियां कम और अरमान बहुत है ,
जिसे भी देखो परेशान बहुत है!

मगर आज झूठ की पहचान बहुत है ,
मुश्किल से मिलता है ,

इस जहां में सच की आदमी,
यु तो कहने को इंसान बहुत हैं!
इस जहां में पहचान बहुत है,

मगर जीसे भी देखो,
एक दूसरे से अनजान बहुत है!
सुकून कम और हराम बहुत है,

जिसे भी देखो हैरान बहुत है!

क्यु????


चे
हरा
कम
और
नाकाब
बहुत
हैं!

माना कि गलत है ,,,,,,,,,
तुमसे इस तरह बेपनाह इश्क करना
मगर,,,,,,,
तुम अच्छे लगे तो ठान लिया.
ये गुनाह करना ,,,,,,,,

Lakir

  क्या लिखा है? हाथों के लकीरों में। कभी गहरा तो कभी फिका उकेरी है इन हथेलियों में में! कुछ किस्से कुछ सबूत छुपी है लकीरों में। रंग उत...