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बुधवार, 5 अगस्त 2020

Arman

बातों बातों में जो बातें नई होगी
कई रात न जाने कितनी मचली होगी!

तेरे सिरहाने याद भी मेरी
रात भर शम्मा -सी कटी होगी!

जिससे निकला है आफताब मेरा
वो तेरा घर तेरी ही गली होगी!

दोस्तों को पता चला होगा
दुश्मनों सी खलबली होगी!

सबने तेरी तारीफ की होगी
मैं कुछ ना कहा तो
  यह कमी होगी!

तेरी होठों को चुम्मु
अौर नशा छा जाए
तो ए मयकशी होगी!

तुम मेरी हो मैं तुम्हारा
अगर यह ना कहु
तो भुल मेरी होगी!

याद के चांद दिल में हो
और तुम ना आओ
ऐसी कोई दिन ना होगी!

रात तन्हा और तुम्हें ना सोचु
तो ए कमी होगी!
माया



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