खुशियां कम और अरमान बहुत है ,
जिसे भी देखो परेशान बहुत है!
जिसे भी देखो परेशान बहुत है!
मगर आज झूठ की पहचान बहुत है ,
मुश्किल से मिलता है ,
मुश्किल से मिलता है ,
इस जहां में सच की आदमी,
यु तो कहने को इंसान बहुत हैं!
यु तो कहने को इंसान बहुत हैं!
इस जहां में पहचान बहुत है,
मगर जीसे भी देखो,
एक दूसरे से अनजान बहुत है!
मगर जीसे भी देखो,
एक दूसरे से अनजान बहुत है!
सुकून कम और हराम बहुत है,
जिसे भी देखो हैरान बहुत है!
जिसे भी देखो हैरान बहुत है!
कम
और
नाकाब
बहुत
हैं!
और
नाकाब
बहुत
हैं!
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