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बुधवार, 1 जुलाई 2020

परेशान


खुशियां कम और अरमान बहुत है ,
जिसे भी देखो परेशान बहुत है!

मगर आज झूठ की पहचान बहुत है ,
मुश्किल से मिलता है ,

इस जहां में सच की आदमी,
यु तो कहने को इंसान बहुत हैं!
इस जहां में पहचान बहुत है,

मगर जीसे भी देखो,
एक दूसरे से अनजान बहुत है!
सुकून कम और हराम बहुत है,

जिसे भी देखो हैरान बहुत है!

क्यु????


चे
हरा
कम
और
नाकाब
बहुत
हैं!

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