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शुक्रवार, 1 मई 2020

इस झूठे करुणा मैं मन को धिक्कार है
मन में उठा विचार बार-बार है!

हिंदू मुस्लिमों की जंग हुई बार-बार है
जो ना कभी सुलझी है ना सोचे कि यह हमारा कह नाम है!

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