यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 23 नवंबर 2019

चाह

नैनों की भाषा है
 यह एक जीवन की परिभाषा है
तुम जब से मिले हो 
 मन में बन गई कई आशा है
 नैनो की.............।


हर लम्हा गुजारती हु 
बस तेरी याद में 
एक दो बार नहीं 
 दिन में हजारों दफा निहारती हूं
तेरी ही तस्वीर को, 
तेरी  ही याद में
 नैनो की..................।


तुम आकाश हो मेरे 
मैं हूं तुम्हारी धरा 
तुम फूल हो मेरे 
मैं हूं खुशबू जरा
 नैनो की................।



भूल गई हूं दुनिया सारी
 बस तेरी रह गई हूं मैं
 तोड़ दिया सारे बंधन 
तुझ में बस गई हूं मैं
 नैनो की.................।

मेरे होठों पर बिखरी मुस्कुराहट की आवाज तु है
मेरे चेहरे की चमक की प्रकाश तू है
 क्या पता है तुम्हें?
 मेरे हर शब्दों की अल्फाज तो है
 नैनो की..............................।








2 टिप्‍पणियां:

Lakir

  क्या लिखा है? हाथों के लकीरों में। कभी गहरा तो कभी फिका उकेरी है इन हथेलियों में में! कुछ किस्से कुछ सबूत छुपी है लकीरों में। रंग उत...